निजी एवं प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले युवाओं को रोजगार देने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। आज ही के दिन 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से अपने भाषण में इस योजना की घोषणा की।
इस “प्रधानमंत्री विकसित भारत रोज़गार योजना” के तहत, पहली बार निजी नौकरी करने वाले युवाओं को ₹15,000 की सीधी वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही, नई भर्तियां करने वाले नियोक्ताओं को भी आकर्षक प्रोत्साहन दिए जाएंगे, जिससे देश में रोजगार सृजन को बढ़ावा मिल सके।
लाल किले से ऐलान, 1 लाख करोड़ का रोजगार पैकेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से इस महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की। उन्होंने बताया कि ₹1 लाख करोड़ के रोजगार पैकेज के जरिए न केवल युवाओं को नौकरी का अवसर मिलेगा, बल्कि मैन्युफैक्चरिंग सहित कई क्षेत्रों में नए पद भी सृजित होंगे।
यह योजना 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक चलेगी और इसके तहत 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियां बनने का लक्ष्य है। इसमें से लगभग 1.92 करोड़ अवसर पहली बार नौकरी करने वालों के लिए होंगे।
कौन उठा सकता है लाभ? (भाग A – कर्मचारी)
- पहली बार निजी क्षेत्र में नौकरी कर रहे हों
- EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) में पंजीकृत हों
- मासिक वेतन ₹1 लाख तक हो
- एक महीने का EPF वेतन (₹15,000 तक) दो किस्तों में मिलेगा:
- पहली किस्त – 6 महीने की सेवा पूरी होने पर
- दूसरी किस्त – 12 महीने पूरे होने और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने पर
- प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा तय अवधि की बचत योजना/डिपॉज़िट में रखा जाएगा, जिसे बाद में निकाला जा सकेगा
- 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 के बीच बनी नौकरियां पात्र होंगी
नियोक्ताओं के लिए लाभ (भाग B)
- ₹1 लाख तक वेतन पाने वाले नए कर्मचारियों पर प्रोत्साहन
- प्रत्येक नए कर्मचारी पर ₹3,000 प्रतिमाह तक दो साल के लिए
- मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में यह लाभ तीसरे और चौथे वर्ष तक बढ़ाया जाएगा
- नए भर्ती कर्मचारियों को कम से कम 6 महीने तक बनाए रखना होगा
- 50 से कम कर्मचारी होने पर कम से कम 2 अतिरिक्त लोगों की भर्ती, और 50 या उससे अधिक कर्मचारी होने पर 5 अतिरिक्त भर्तियां जरूरी
भुगतान कैसे मिलेगा?
- कर्मचारी: सीधा लाभ अंतरण (DBT) आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम (ABPS) के माध्यम से
- नियोक्ता: राशि सीधे PAN-लिंक्ड बैंक खाते में ट्रांसफर होगी
यह योजना न केवल युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में कदम रखने के लिए प्रेरित करेगी, बल्कि उद्योगों में भर्ती की रफ्तार भी तेज करेगी। सरकार का लक्ष्य है कि देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के साथ-साथ रोजगार के अवसरों को नए स्तर तक ले जाया जाए।