नई दिल्ली, 17 अगस्त 2025। क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में गुरुवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। सबसे लोकप्रिय डिजिटल करेंसी बिटकॉइन ने नया ऑल-टाइम हाई बनाते हुए $124,128 का आंकड़ा छू लिया। डॉलर से रुपये में देखें तो यह कीमत करीब ₹1.08 करोड़ बैठती है।
क्यों बढ़ा बिटकॉइन?
- अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों का असर: ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और डॉलर के कमजोर होने ने बिटकॉइन की मांग बढ़ाई।
- संस्थागत निवेशकों की दिलचस्पी: बड़े फाइनेंशियल संस्थान और कंपनियां अब बिटकॉइन में भारी निवेश कर रही हैं। ETF (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड) और रिटायरमेंट प्लान में भी बिटकॉइन को शामिल करने से बाजार में नई ऊर्जा आई।
- ट्रम्प प्रशासन की क्रिप्टो-फ्रेंडली पॉलिसी: अमेरिका में नई नीतियों ने क्रिप्टो को और अधिक वैधता और स्थिरता दी।
रिकॉर्ड के बाद गिरावट भी
इतिहास रचने के कुछ ही घंटों बाद बिटकॉइन में हल्की गिरावट भी देखी गई। $124,480 की चोटी छूने के बाद यह फिसलकर $118,000 के आसपास आ गया। यह करीब 4% की गिरावट थी। विश्लेषकों का मानना है कि क्रिप्टो बाजार की यह अस्थिरता निवेशकों को लगातार सतर्क रहने पर मजबूर करती है।
क्या रहेगा आगे का रुझान?
क्रिप्टो एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले महीनों में बिटकॉइन की कीमत पर दो बड़े कारक असर डालेंगे:
- ग्लोबल इकोनॉमिक हालात और महंगाई दर।
- अगली बिटकॉइन हल्विंग (Halving), जो सप्लाई को और सीमित कर देगी।
निष्कर्ष
₹1 करोड़ से ऊपर पहुँचना बिटकॉइन के लिए एक बड़ा मील का पत्थर है। यह साबित करता है कि अब बिटकॉइन सिर्फ एक डिजिटल करेंसी नहीं बल्कि एक मजबूत निवेश संपत्ति (Asset Class) बन चुका है। हालांकि, इसकी अस्थिरता को देखते हुए एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि निवेश सोच-समझकर ही करें।