बॉलीवुड की सुपरहिट जोड़ियों की बात हो और गोविंदा–नीलम का ज़िक्र न आए, ऐसा हो ही नहीं सकता। 80 और 90 के दशक में इस जोड़ी ने बड़े पर्दे पर धमाल मचाया।
दोनों की ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्री इतनी गहरी थी कि दर्शक मान बैठे कि रियल लाइफ़ में भी ये कपल है। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि – क्या नीलम भी गोविंदा से प्यार करती थीं या यह रिश्ता सिर्फ़ गोविंदा की तरफ़ से था?
गोविंदा का इकरार
गोविंदा ने कई मौकों पर माना कि नीलम उनके दिल में ख़ास जगह रखती थी, और वह मन ही मन उसे चाहने लगे थे। उन्होंने इंटरव्यूज़ में यह तक कहा कि नीलम उनके लिए “आदर्श जीवनसंगिनी” जैसी थीं और उन्होंने उनसे शादी करने की भी सोच रखी थी।
लेकिन उनकी शादी सुनीता से पहले ही हो चुकी थी, और पारिवारिक प्रतिबद्धताओं के चलते उन्होंने यह भावनाएँ दिल में ही दबा लीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, शुरूआती दिनों में उन्होंने अपनी शादी की बात नीलम से छुपाए रखी थी, जिसे बाद में उन्होंने अपनी “गलती” स्वीकार किया।
नीलम की साफ़ प्रतिक्रिया
दूसरी ओर, नीलम कोठारी ने हमेशा इन अफ़वाहों से दूरी बनाई। हालिया इंटरव्यू में उन्होंने साफ़ कहा कि वे और गोविंदा “रिलेशनशिप में कभी नहीं थे।” उनके मुताबिक़, लगातार साथ में फ़िल्में करने और दर्शकों की दीवानगी ने लिंक-अप की ख़बरों को जन्म दिया।
नीलम ने यह भी माना कि शुरू में दोनों के बीच भाषा का अंतर था – वे अंग्रेज़ी बोलती थीं और गोविंदा हिंदी – लेकिन सेट पर उनकी बॉन्डिंग अच्छी हो गई। मगर यह रिश्ता कभी प्रोफेशनल दायरे से आगे नहीं बढ़ा।
सुनीता और निजी ज़िंदगी का असर
इस दौरान गोविंदा की निजी ज़िंदगी भी सुर्ख़ियों में रही। पत्नी सुनीता आहूजा के साथ उनके रिश्तों में उतार-चढ़ाव की खबरें अक्सर आती रहीं। कभी अलग रहने की बातें, कभी असुरक्षा के आरोप, और हाल ही में तलाक तक की रिपोर्ट्स आईं।
हालांकि इन विवादों को नीलम से जोड़ने की कोशिशें हुईं, लेकिन नीलम ने हमेशा स्पष्ट किया कि उनका गोविंदा के साथ कोई अफ़ेयर नहीं था।
नतीजा: एकतरफ़ा था प्यार
सभी बयानों और रिपोर्ट्स को देखने के बाद तस्वीर साफ़ होती है। गोविंदा ने दिल से नीलम को चाहा, मगर नीलम ने कभी रिश्ते की पुष्टि नहीं की। उनके मुताबिक़, दोनों सिर्फ़ अच्छे को-स्टार्स और दोस्त थे। ऑन-स्क्रीन रोमांस ने दर्शकों को ग़लतफ़हमी में डाल दिया और अफ़वाहों को हवा दी, लेकिन हक़ीक़त यही रही कि यह प्यार एकतरफ़ा था।
बॉलीवुड में अफ़वाहें और सच अक्सर mix-up हो जाते हैं। गोविंदा और नीलम की कहानी भी उसी का हिस्सा है। जहाँ गोविंदा का दिल नीलम के लिए धड़कता था, वहीं नीलम ने इसे कभी स्वीकार नहीं किया। और यही वजह है कि यह किस्सा आज भी अधूरा और रहस्यमयी बना हुआ है।