धरती की सबसे खतरनाक जनजाति: जहाँ जाने वाला कभी लौटा नहीं!

North Sentinel Island Tribe
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बंगाल की खाड़ी के बीच स्थित नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड धरती की सबसे रहस्यमयी और खतरनाक जगहों में से एक है। यहाँ रहती है दुनिया की आख़िरी ऐसी जनजाति – सेंटिनलीज़ (Sentinelese) – जो आज भी आधुनिक सभ्यता से पूरी तरह कटी हुई है और पत्थर युग जैसी ज़िंदगी जी रही है।

इस द्वीप पर किसी भी बाहरी व्यक्ति का पहुँचना लगभग नामुमकिन है, क्योंकि जो भी यहाँ गया है, वह ज़िंदा लौटकर नहीं आया।

सरकार ने लगाया सख़्त प्रतिबंध

1956 में भारत सरकार ने इस द्वीप को “Tribal Reserve” घोषित किया और यहाँ से तीन नौटिकल मील के भीतर किसी भी आम व्यक्ति के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया।

यहाँ फोटोग्राफी तक की मनाही है। माना जाता है कि इस जनजाति की आबादी 35 से 500 के बीच है, लेकिन सही आंकड़ा आज तक पता नहीं चल सका।

सैकड़ों साल से बाहरी दुनिया से दूरी

सेंटिनलीज़ स्वेच्छा से खुद को अलग-थलग रखते हैं और बाहरी दुनिया से किसी भी प्रकार का संपर्क बर्दाश्त नहीं करते। माना जाता है कि यह लोग हजारों सालों से ऐसे ही जी रहे हैं। मशहूर यात्री मार्को पोलो ने इन्हें “हिंसक और निर्दयी जाति” बताया था।

मौत की कहानियाँ

  • 2018 में अमेरिकी नागरिक जॉन एलेन चौ बिना अनुमति मिशनरी के तौर पर द्वीप पर पहुँचे और जनजाति के तीरों का शिकार हो गए। उनकी लाश तट पर पड़ी मिली।
  • 1981 में MV Primrose नामक जहाज़ इस द्वीप के पास फंस गया था। करीब 50 सशस्त्र सेंटिनलीज़ नावों से जहाज़ पर चढ़ने की कोशिश करने लगे। सौभाग्य से समुद्र की लहरों ने उन्हें पास नहीं आने दिया और बाद में चालक दल को हेलीकॉप्टर से बचाया गया।
  • हाल ही में मार्च 2025 में यूक्रेन के एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर मिखाइलो पोल्याकोव ने बिना अनुमति यहाँ उतरने की कोशिश की। उन्होंने ‘डाइट कोक’ और नारियल को “भेंट” के रूप में छोड़ा, लेकिन भारतीय पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

कैसी है इनकी ज़िंदगी?

यह जनजाति शिकार और मछली पकड़ने पर निर्भर रहती है। वे तीर-कमान और भाले का इस्तेमाल करते हैं। उनका खानपान मुख्य रूप से केकड़े, मछली और शंख-घोंघे जैसे समुद्री जीव हैं। वे खेती नहीं करते।

पुरुष कमर में खंजर रखते हैं और हार व हेडबैंड जैसे आभूषण पहनते हैं, लेकिन अधिकतर निर्वस्त्र रहते हैं। इनके घर बेहद साधारण झोपड़ीनुमा होते हैं, जो लकड़ी के खंभों और पत्तों से बनाए जाते हैं।

ख़तरा और रहस्य बरकरार

विशेषज्ञों का कहना है कि बाहरी लोगों का संपर्क इनके लिए घातक साबित हो सकता है क्योंकि इनकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता बेहद अलग है। Survival International जैसे संगठन चेतावनी देते हैं कि अगर यह लोग आधुनिक बीमारियों के संपर्क में आए तो पूरी जनजाति खत्म हो सकती है।

नॉर्थ सेंटिनल आइलैंड आज भी रहस्य और खौफ से घिरा हुआ है। यह वो जगह है जहाँ आधुनिकता की कोई रोशनी नहीं पहुँची और शायद कभी पहुँच भी न पाए।

डिस्क्लेमर: यहाँ ऊपर दिखाया गया चित्र वास्तविक नहीं है, बल्कि एक काल्पनिक चित्रण है। इसे केवल प्रतीकात्मक और जानकारी प्रस्तुत करने के उद्देश्य से उपयोग किया गया है।