Dehradun cloudburst 2025: देहरादून और आसपास के इलाकों में सोमवार देर रात बादल फटने से मची तबाही ने पूरे उत्तराखंड को हिला कर रख दिया। भारी बारिश और भूस्खलन के चलते कम से कम 5 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। रातभर हुई मूसलाधार बारिश ने सड़कों, मकानों और दुकानों को नुकसान पहुंचाया और एक बड़ा पुल बह गया।
सहस्रधारा और मसूरी सबसे ज्यादा प्रभावित
आपदा का केंद्र सहस्रधारा और उसके आसपास का इलाका रहा, जहां तेज बहाव ने होटलों, दुकानों और घरों को अपनी चपेट में ले लिया। मसूरी के झरीपानी टोल प्लाज़ा पर भूस्खलन में दो मजदूर दब गए, जिनमें से एक की मौत हो गई और दूसरा घायल हो गया। वहीं, शिखर फॉल (भगत सिंह कॉलोनी, टपकेश्वर) के पास चार लोग पानी में बह गए।
300 से ज्यादा लोग सुरक्षित निकाले गए
राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मालदेवता और मसूरी से भी भारी नुकसान की खबर है। SDRF और NDRF की टीमें पूरी रात राहत-बचाव में जुटी रहीं। अब तक 300 से 400 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
डोईवाला, टिहरी और नैनीताल में हालात खराब
डोईवाला में कई घरों में पानी घुस गया। चंद्रभागा नदी में फंसे तीन लोगों को SDRF ने बचाया। टिहरी के गीता भवन में फंसे लोगों को भी रेस्क्यू किया गया। नैनीताल में भारी बारिश से सड़कें मलबे से भर गईं और यातायात बाधित हुआ।
8 मजदूर लापता, ट्रैक्टर-स्कूटी बह गई
परवाल गांव (झाझरा के पास) में असन नदी के उफान ने 8 मजदूरों को बहा दिया। इसी दौरान एक ट्रैक्टर और स्कूटर भी तेज बहाव में बह गया। नंदा की चौकी पुल को भी गंभीर क्षति पहुंची, जिससे आवाजाही ठप हो गई।
छात्रों का बड़ा रेस्क्यू
देवभूमि इंस्टीट्यूट, पौंडा कैंपस में करीब 200 छात्र पानी में फंस गए थे। SDRF ने देर रात बड़ी कार्रवाई कर सभी को सुरक्षित बाहर निकाला।
मुख्यमंत्री ने किया दौरा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मालदेवता और केसरवाला का दौरा कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को राहत-बचाव कार्य तेज करने और बिजली-पानी की आपूर्ति तुरंत बहाल करने के निर्देश दिए।
धामी ने कहा,
“भारी बारिश ने सड़कों, पुलों और सरकारी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया है। प्रशासन और सरकार की टीमें लगातार लोगों की मदद में लगी हैं।”
लोगों में दहशत, प्रशासन अलर्ट
मोहिनी रोड और भगत सिंह कॉलोनी जैसे निचले इलाकों में पानी भर गया है। कई जगह बिजली के ट्रांसफार्मर बह गए और नई बनी सड़कों को नुकसान पहुंचा। वहीं, विकासनगर में पहाड़ से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से एक स्कूटी सवार की मौत हो गई।
देहरादून और आसपास के इलाके इस वक्त भारी तबाही और डर के माहौल से जूझ रहे हैं। SDRF और NDRF लगातार राहत कार्य चला रही हैं, लेकिन लापता लोगों की तलाश अब भी जारी है।