भारतीय सिनेमा के दिग्गज और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार मोहनलाल को देश का सर्वोच्च फिल्म सम्मान दादा साहब फाल्के अवॉर्ड 2023 दिए जाने की घोषणा के बाद पूरे सिनेमा जगत में खुशी की लहर दौड़ गई है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार (20 सितंबर 2025) को यह ऐलान किया, जिसके बाद से ही सोशल मीडिया पर उन्हें बधाइयों का तांता लग गया। यह अवॉर्ड उन्हें 23 सितंबर को होने वाले 71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में प्रदान किया जाएगा।
“यह अवॉर्ड सिर्फ मेरा नहीं, पूरे सिनेमा का है”
रविवार सुबह कोच्चि पहुंचे मोहनलाल ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“यह मेरे लिए बेहद खास और खूबसूरत पल है। लेकिन मैं इसे अकेले एन्जॉय नहीं कर सकता। यह अवॉर्ड पूरे भारतीय फिल्म उद्योग, दर्शकों और उन सभी लोगों का है जिनके साथ मैंने काम किया है और जिनके साथ आगे काम करूंगा।”
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को समर्पित करते हुए उन्होंने आगे कहा कि सिनेमा उनके लिए किसी जादू से कम नहीं है।
“सिनेमा एक जादुई चक्र है, जिसमें सफलता और असफलता साथ-साथ चलते हैं। दो फिल्में हिट होती हैं तो आप ऊपर पहुंच जाते हैं, और फ्लॉप होती हैं तो नीचे गिर जाते हैं। ऐसे इंडस्ट्री में 48 साल टिके रहना सर्कस से कम नहीं है।”
चार दशक, 400 फिल्में और पांच नेशनल अवॉर्ड
मोहनलाल का फिल्मी करियर अपने आप में मिसाल है। उन्होंने अब तक 400 से ज्यादा फिल्मों में अभिनय किया है और पांच बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुके हैं। अभिनय की विविधता और किरदारों को जीने की उनकी क्षमता उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े कलाकारों में शुमार करती है।
“सिनेमा ही मेरा सपना और समाज के प्रति वचन”
मोहनलाल ने कहा कि वे ज्यादा सपने देखने वाले इंसान नहीं हैं। “अगर आप मुझसे पूछें कि मेरा सामाजिक दायित्व क्या है, तो मैं कहूंगा कि हर किरदार को पूरी ईमानदारी से निभाना ही मेरा सबसे बड़ा कर्तव्य है। मैं बस चाहता हूं कि मलयालम इंडस्ट्री में अच्छी फिल्में बनें और मैं उनमें एक हिस्सा बन सकूं। यही मेरा सपना है।”
“पुरस्कार शिखर नहीं, बल्कि सफर का हिस्सा”
अवॉर्ड को लेकर उन्होंने विनम्रता दिखाते हुए कहा, “सिनेमा की कोई भाषा नहीं होती। मैं खुद को केवल इस इंडस्ट्री का हिस्सा मानता हूं। ‘शिखर’ जैसी कोई चीज नहीं होती। अवॉर्ड पाना मेरे लिए अंत नहीं, बल्कि इस खूबसूरत सफर का एक और पड़ाव है।”
71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में होगा ऐतिहासिक सम्मान
अब पूरा देश 23 सितंबर का इंतजार कर रहा है, जब मोहनलाल को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। यह क्षण न केवल उनके लिए, बल्कि पूरे मलयालम सिनेमा और भारतीय फिल्म उद्योग के लिए गौरवपूर्ण होगा।