नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा जिस चीज़ ने बटोरी, वह था एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करने पहुँचा भारतीय काफिला — जिसमें Toyota Fortuner सबसे आगे दिखाई दी। सोशल मीडिया पर सवाल उठे कि आखिर इतने बड़े वैश्विक नेता के स्वागत के लिए भारत ने लग्ज़री बुलेटप्रूफ कारों की जगह Fortuner जैसी SUV को क्यों चुना?
हमने इस निर्णय के पीछे के कारणों को समझने की कोशिश की, और सरकारी सूत्रों, सुरक्षा एक्सपर्ट्स तथा प्रोटोकॉल विश्लेषकों के मुताबिक जवाब साफ़ है — यह निर्णय रणनीति, व्यवहारिकता, सुरक्षा और संदेश–तीनों का मिश्रण है।
1. उच्च सुरक्षा के साथ कम प्रोफ़ाइल — भारत की रणनीतिक पसंद
Fortuner भले ही दिखने में आम SUV लगती हो, लेकिन वीवीआईपी प्रोटोकॉल के लिए उपयोग में लाई जाने वाली गाड़ियाँ मॉडिफाइड, हाई-सिक्योरिटी वर्ज़न होती हैं।
सुरक्षा विशेषज्ञ बताते हैं कि कई बार low-profile high-security वाहन इस्तेमाल किए जाते हैं ताकि:
- VIP मूवमेंट का प्रेडिक्शन मुश्किल हो
- बड़े काफिले में गाड़ी आसानी से ब्लेंड हो सके
- संभावित खतरों से बचाव की संभावना बढ़े
मोदी सरकार की सुरक्षा व्यवस्था में पिछले कुछ वर्षों में Fortuner का उपयोग काफी बढ़ा है, खासकर एस्कॉर्ट और पायलट वाहनों में।
2. भारतीय सड़कों पर परफेक्ट परफ़ॉर्मेंस
Fortuner भारत में सबसे विश्वसनीय और टेस्टेड SUVs में से एक मानी जाती है। यह कारण महत्वपूर्ण है क्योंकि:
- यह भारतीय सड़क परिस्थितियों में सबसे बेहतर प्रदर्शन करती है
- तेज़ मूवमेंट, अचानक डायवर्ज़न और सुरक्षा प्रोटोकॉल को सहजता से संभाल सकती है
- रखरखाव और तकनीकी सपोर्ट आसानी से उपलब्ध
VIP मूवमेंट में अचानक रूट बदलना आम बात होती है, और Fortuner ऐसी स्थितियों में भरोसेमंद विकल्प सिद्ध होती है।
3. संदेश भी महत्वपूर्ण था — “Made for India, in India”
भारत इस समय वैश्विक मंच पर अपनी आत्मनिर्भरता और भारतीय बाज़ार में बनी गाड़ियों की क्षमता दिखाना चाहता है।
Fortuner भारत में असेंबल होती है और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की पसंदीदा गाड़ी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह एक भू-राजनीतिक संकेत भी था –
भारत अपने घरेलू वाहन इकोसिस्टम पर भरोसा रखता है और उसे वैश्विक मंच पर प्रदर्शित करने से नहीं हिचकता।
4. काफिले की संरचना में Fortuner की मुख्य भूमिका
यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि पुतिन की मुख्य बुलेटप्रूफ कार अलग थी — आमतौर पर मेहमान देश अपनी विशेष बुलेटप्रूफ लिमोज़ीन साथ लाते हैं।
Fortuner को भारत ने उपयोग किया:
- पायलट कार
- एस्कॉर्ट कार
- सुरक्षा कवर
इन भूमिकाओं में Fortuner जैसे मजबूत, तेज़ और विश्वसनीय SUV की आवश्यकता होती है।
5. लागत–प्रभावी और तेज़ तैनाती
सरकारी प्रोटोकॉल और सुरक्षा एजेंसियों के पास पहले से बड़ी संख्या में Fortuner उपलब्ध है।
इससे:
- तेज़ी से सुरक्षा प्लान लागू करना
- प्रोटोकॉल टीमों का प्री-ट्रेंड होना
- ऑपरेशन को लागत–प्रभावी रखना
संभव हो जाता है। बड़े अंतरराष्ट्रीय दौरों में समय सबसे बड़ा फैक्टर होता है, और Fortuner इस मामले में बेहद सुविधाजनक है।
निष्कर्ष
पुतिन के स्वागत के लिए Fortuner का चयन कोई साधारण या कमतर विकल्प नहीं था—
बल्कि यह सुरक्षा, रणनीति, व्यवहारिकता और भारतीय संदेश–चारों का संतुलित निर्णय था।
भारत ने दिखाया कि वह अनावश्यक दिखावे से ऊपर उठकर व्यावहारिक और प्रभावी सुरक्षा मॉडल अपनाता है।
यह निर्णय बताता है कि आज का भारत आत्मविश्वासी, रणनीतिक और अपनी विश्वसनीय क्षमताओं पर निर्भर रहने वाला राष्ट्र है।






